Monday 5 February 2018

64 कला Arts Of 64 Types

भारतीय साहित्य में कलाओं की अलग-अलग गणना दी गयी है। कांमसुत्र शुक्रनीति आदि में 64 कलाओं का वर्णन है। दण्डीने काव्ययादर्श में इनको 'कामार्थसंश्रयाः' कहा है (अर्थात् काम और अर्थ कला के ऊपर आश्रय पाते हैं।) - नृत्यगीतप्रभृतयः कलाः कामार्थसंश्रयाः


कामसूत्र में वर्णित ६४ कलायें निम्नलिखित हैं।


1- गांन विद्या


2- वाद्य - भांति-भांति के बाजे बजाना


3- नृत्य


4- नाट्य


5- चित्रकारी


6- बेल-बूटे बनाना


7- चावल और पुष्पादि से पूजा के उपहार की रचना करना


8- फूलों की सेज बनान


9- दांत, वस्त्र और अंगों को रंगना


10- मणियों की फर्श बनाना


11- शय्या-रचना (बिस्तर की सज्जा)


12- जल को बांध देना


13- विचित्र सिद्धियां दिखलाना


14- हार-माला आदि बनाना


15- कान और चोटी के फूलों के गहने बनाना


16- कपड़े और गहने बनाना


17- फूलों के आभूषणों से श्रृंगार करना


18- कानों के पत्तों की रचना करना


19- सुगंध वस्तुएं-इत्र, तैल आदि बनाना


20- इंद्रजाल-जादूगरी


21- चाहे जैसा वेष धारण कर लेना


22- हाथ की फुतीकें काम


23- तरह-तरह खाने की वस्तुएं बनाना


24- तरह-तरह पीने के पदार्थ बनाना


25- सूई का काम


26- कठपुतली बनाना, नाचना


27- पहली


28- प्रतिमा आदि बनाना


29- कूटनीति


30- ग्रंथों के पढ़ाने की चातुरी


31- नाटक आख्यायिका आदि की रचना करना


32- समस्यापूर्ति करना


33- पट्टी, बेंत, बाण आदि बनाना


34- गलीचे, दरी आदि बनाना


35- बढ़ई की कारीगरी


36- गृह आदि बनाने की कारीगरी


37- सोने, चांदी आदि धातु तथा हीरे-पन्ने आदि रत्नों की परीक्षा


38- सोना-चांदी आदि बना लेना


39- मणियों के रंग को पहचानना


40- खानों की पहचान


41- वृक्षों की चिकित्सा


42- भेड़ा, मुर्गा, बटेर आदि को लड़ाने की रीति


43- तोता-मैना आदि की बोलियां बोलना


44- उच्चाटनकी विधि


45- केशों की सफाई का कौशल


46- मुट्ठी की चीज या मनकी बात बता देना


47- म्लेच्छ-काव्यों का समझ लेना


48- विभिन्न देशों की भाषा का ज्ञान


49- शकुन-अपशकुन जानना, प्रश्नों उत्तर में शुभाशुभ बतलाना


50- नाना प्रकार के मातृकायन्त्र बनाना


51- रत्नों को नाना प्रकार के आकारों में काटना


52- सांकेतिक भाषा बनाना


53- मनमें कटकरचना करना


54- नयी-नयी बातें निकालना


55- छल से काम निकालना


56- समस्त कोशों का ज्ञान


57- समस्त छन्दों का ज्ञान


58- वस्त्रों को छिपाने या बदलने की विद्या


59- द्यू्त क्रीड़ा


60- दूरके मनुष्य या वस्तुओं का आकर्षण


61- बालकों के खेल


62- मन्त्रविद्या


63- विजय प्राप्त कराने वाली विद्या


64- बेताल आदि को वश में रखने की विद्या


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