Wednesday 28 December 2016

धातु के बर्तन एवं रसोई

*कौन सी धातु के बर्तन में भोजन करने से क्या क्या लाभ और हानि होती है.......🙏🏼*

                         *सोना*

सोना एक गर्म धातु है। सोने से बने पात्र में भोजन बनाने और करने से शरीर के आन्तरिक और बाहरी दोनों हिस्से कठोर, बलवान, ताकतवर और मजबूत बनते है और साथ साथ सोना आँखों की रौशनी बढ़ता है।

                        *चाँदी*

चाँदी एक ठंडी धातु है, जो शरीर को आंतरिक ठंडक पहुंचाती है। शरीर को शांत रखती है  इसके पात्र में भोजन बनाने और करने से दिमाग तेज होता है, आँखों स्वस्थ रहती है, आँखों की रौशनी बढती है और इसके अलावा पित्तदोष, कफ और वायुदोष को नियंत्रित रहता है।

                           *कांसा*

काँसे के बर्तन में खाना खाने से बुद्धि तेज होती है, रक्त में  शुद्धता आती है, रक्तपित शांत रहता है और भूख बढ़ाती है। लेकिन काँसे के बर्तन में खट्टी चीजे नहीं परोसनी चाहिए खट्टी चीजे इस धातु से क्रिया करके विषैली हो जाती है जो नुकसान देती है। कांसे के बर्तन में खाना बनाने से केवल ३ प्रतिशत ही पोषक तत्व नष्ट होते हैं।

                         *तांबा*

तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से व्यक्ति रोग मुक्त बनता है, रक्त शुद्ध होता है, स्मरण-शक्ति अच्छी होती है, लीवर संबंधी समस्या दूर होती है, तांबे का पानी शरीर के विषैले तत्वों को खत्म कर देता है इसलिए इस पात्र में रखा पानी स्वास्थ्य के लिए उत्तम होता है. तांबे के बर्तन में दूध नहीं पीना चाहिए इससे शरीर को नुकसान होता है।

                        *पीतल*

पीतल के बर्तन में भोजन पकाने और करने से कृमि रोग, कफ और वायुदोष की बीमारी नहीं होती। पीतल के बर्तन में खाना बनाने से केवल ७ प्रतिशत पोषक तत्व नष्ट होते हैं।

                         *लोहा*

लोहे के बर्तन में बने भोजन खाने से  शरीर  की  शक्ति बढती है, लोह्तत्व शरीर में जरूरी पोषक तत्वों को बढ़ता है। लोहा कई रोग को खत्म करता है, पांडू रोग मिटाता है, शरीर में सूजन और  पीलापन नहीं आने देता, कामला रोग को खत्म करता है, और पीलिया रोग को दूर रखता है. लेकिन लोहे के बर्तन में खाना नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसमें खाना खाने से बुद्धि कम होती है और दिमाग का नाश होता है। लोहे के पात्र में दूध पीना अच्छा होता है।

                         *स्टील*

स्टील के बर्तन नुक्सान दायक नहीं होते क्योंकि ये ना ही गर्म से क्रिया करते है और ना ही अम्ल से. इसलिए नुक्सान नहीं होता है. इसमें खाना बनाने और खाने से शरीर को कोई फायदा नहीं पहुँचता तो नुक्सान भी  नहीं पहुँचता।

                      *एलुमिनियम*

एल्युमिनिय बोक्साईट का बना होता है। इसमें बने खाने से शरीर को सिर्फ नुक्सान होता है। यह आयरन और कैल्शियम को सोखता है इसलिए इससे बने पात्र का उपयोग नहीं करना चाहिए। इससे हड्डियां कमजोर होती है. मानसिक बीमारियाँ होती है, लीवर और नर्वस सिस्टम को क्षति पहुंचती है। उसके साथ साथ किडनी फेल होना, टी बी, अस्थमा, दमा, बात रोग, शुगर जैसी गंभीर बीमारियाँ होती है। एलुमिनियम के प्रेशर कूकर से खाना बनाने से 87 प्रतिशत पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं।

                           *मिट्टी*

मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने से ऐसे पोषक तत्व मिलते हैं, जो हर बीमारी को शरीर से दूर रखते थे। इस बात को अब आधुनिक विज्ञान भी साबित कर चुका है कि मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने से शरीर के कई तरह के रोग ठीक होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, अगर भोजन को पौष्टिक और स्वादिष्ट बनाना है तो उसे धीरे-धीरे ही पकना चाहिए। भले ही मिट्टी के बर्तनों में खाना बनने में वक़्त थोड़ा ज्यादा लगता है, लेकिन इससे सेहत को पूरा लाभ मिलता है। दूध और दूध से बने उत्पादों के लिए सबसे उपयुक्त हैमिट्टी के बर्तन। मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने से पूरे १०० प्रतिशत पोषक तत्व मिलते हैं। और यदि मिट्टी के बर्तन में खाना खाया जाए तो उसका अलग से स्वाद भी आता है।

पानी पीने के पात्र के विषय में 'भावप्रकाश ग्रंथ' में लिखा है....

*जलपात्रं तु ताम्रस्य तदभावे मृदो हितम्।*
*पवित्रं शीतलं पात्रं रचितं स्फटिकेन यत्।*
*काचेन रचितं तद्वत् वैङूर्यसम्भवम्।*
(भावप्रकाश, पूर्वखंडः4)

अर्थात् पानी पीने के लिए ताँबा, स्फटिक अथवा काँच-पात्र का उपयोग करना चाहिए। सम्भव हो तो वैङूर्यरत्नजड़ित पात्र का उपयोग करें। इनके अभाव में मिट्टी के जलपात्र पवित्र व शीतल होते हैं। टूटे-फूटे बर्तन से अथवा अंजलि से पानी नहीं पीना चाहिए।

Compiled by
Hitesh Karia.

Saturday 12 November 2016

Income tax rules on disclosure

One senior CA from Bombay gave his opinion - thought it will be helpful for all.

No penalty on high denominations notes deposited into bank if such amount is declared in return of income by paying appropriate tax:

Generally I refrain from expressing any professional opinion on Facebook.  However, in view of prevalent panic created by certain media over imposition of penalty on unaccounted cash of high denominations that are deposited into bank, I give my professional opinion as under.

If unaccounted cash or black money are deposited into bank and appropriate tax (maximum 30% plus surcharge) is paid on this additional income, no penalty for under reporting or misreporting can be imposed by assessing officer u/s 270A of Income tax Act, which has been newly introduced from current year.  Even, tax payer is not required to substantiate source of income and income can be declared without disclosing head of income. This is because penalty for concealment can be levied only on difference between assessed income and returned income. This view is based on bare reading of section 270A itself. So penalty of 200% under no circumstances can be levied on such income disclosed in return of current year.  With due respect, I have to say that The news paper headlines that  '200% penalty on unaccounted cash deposits of over ₹ 10 lakh' published in today's Time of India and other media are misleading.

I therefore advise not to sell the notes at discounted prices or deposit the cash into bank accounts of other benami persons in fear of penalty. Further, do not claim any bogus expenses or bogus loss to gain more trouble. Do not manipulate accounts by creating bogus cash on hand. Be good citizen and pay tax honestly to buy peace by building capital. This disclosure by paying tax at maximum of 30% will be advantageous compared to IDS where rate of tax was 45%.

Thursday 10 November 2016

घरेलू उपयोग की टिप्स

कुछ उपयोगी घरेलू टिप्स
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1. जूते यदि पालिश से साफ नहीं हो रहे हों तो पेट्रोल लगाकर साफ कर लें। जूते चमक उठेंगे।
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2. गंदे कपड़ों को उबले हुए आलू के पानी से साफ करें। कपड़े बिल्कुल साफ हो जायेंगे।
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3. फिल्टर काफी बनाने के बाद बचे हुए मिश्रण से बाथरूम का फर्श धोएं। फर्श चमक उठेगा।
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4. जल जाने पर जले जाने पर जले हुए स्थान पर केला मसलकर लगा लें। फफोले नहीं बनेंगे।
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5. कपड़ों या बर्तनों से स्टीकर अथवा लेबल के निशान हटाने के लिये उसे सफेद स्पिरिट से साफ करें।
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6. जिस स्थान से चीटियां ज्यादा निकलती हों, वहां हल्दी तथा बोरिक पाउडर मिलाकर छिड़क दें। चीटियां नहीं आएंगी।
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7. मच्छर ज्यादा हो गए हों तो तवे या फ्राइंग पैन में थोड़ा साकाफी पाउडर डालकर भून दें और इसका धुआं कमरे में कर दें।

Compiled by Dr Hitesh Karia.

निंबु के चमत्कारिक फायदे

नींबू के फायदे 1-10
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1. शुद्ध शहद में नींबू की शिकंजी पीने से मोटापा दूर होता है.
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2. नींबू के सेवन से सूखा रोग दूर होता है.
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3. नींबू का रस एवं शहद एक-एक तोला लेने से दमा में आराम मिलता है.
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4. नींबू का छिलका पीसकर उसका लेप माथे पर लगाने से माइग्रेन ठीक होता है.
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5. नींबू में पिसी काली मिर्च छिड़क कर जरा सा गर्म करके चूसने से मलेरिया ज्वर में आराम मिलता है.

6. नींबू के रस में नमक मिलाकर नहाने से त्वचा का रंग निखरता है और सौंदर्य बढ़ता है.
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7. नौसादर को नींबू के रस में पीसकर लगाने से दाद ठीक होता है
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8. नींबू के बीज को पीसकर लगाने से गंजापन दूर होता है.
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9. बहरापन हो तो नींबू के रस में दालचीनी का तेल मिलाकर डालें.
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10. आधा कप गाजर के रस में नींबू निचोड़कर पिएं, रक्त की कमी दूर होगी.

Compiled by Dr. Hitesh Karia.

Sunday 6 November 2016

Financial planning tips

Fundamental of Financial planning.

1. 30% of your income must be used for monthly living expenses.

2. 30% of your income must be used for Liabilities repayments

3. 30% of your income must be SAVED for your future LIVING.

4. 10% of your income must be spared for entertainments, vacations………..

5. 6 month monthly income must be available for emergency fund  {LIQUID FUND },  it can be CASH or cashable investments

6. Must save one year Bank RD

7. Must save 5 years postal RD

8. Must have 15 years PPF [ after you can extend for number of 5 years durations]

9. MF and Shares must be invested with surplus money only with regular watch. [must redeem the profits  out after minimum 40 to 50%]

10. Home loan must be registered and apply  on both husband and wife name. {Both can get benefits on Home loan Tax benefits}

11. FD and PO-MIS is also very good investments for short term.

12. Buying second house for investment is not advisable  [Survey reports - it will fetch you only around 3% return]

13. After age 45 years not supposed to enter into any BIG LIABILITIES [Higher education of children and wedding of children will happen around 45 to 50 only]

14. Joint account is compulsory @ Bank savings account.

15. Property must be registered on both Husband and wife name. [As per legal act – after husband first legal heir is wife, after wife it will go to children only]

16. Regular check on Nominations at all financial instruments

17. Only in insurance policy,  Claims payable to Nominee.  In other financial instruments legal heirs certificate is must to get back the settlement

18. 2 months salary must be parked on LIFE INSURANCE POLICY [it’s a universal thumb rule on insurance]

19. Don’t take any financial investment decisions  emotionally

20. MEDICLAIM is must [ in spite of Group mediclaim coverage given at office [After retirement there is no mediclaim coverage. After 50 years its very tough to enter into mediclaim]

21. For your jewelery LOCKER, Only one lakh is payable by bank in case of theft or fire at bank, Provided insurance done.

22. Government guarantees only one lakh for your FD. [Fixed deposits with Banks upto Rs. 1 lakh only are backed by deposit insurance]

23. Must know all tax implications. You cannot avoid paying tax. But you can minimize liability by way of investments.

24. All financial documents must be kept safely.

25. Financial investments must be followed through personal financial advisor.

26. Review your financial portfolio every year.

Monday 31 October 2016

Medical Bulletin: vitamin Marathi

SCIENCE विटामिन संबंधी महत्वपूर्ण तथ्य:-
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*√विटामिन - 'A'*
√रासायनिक नाम : रेटिनाॅल
√कमी से रोग: रतौंधी
√स्रोत (Source): गाजर, दूध, अण्डा, फल.
*√विटामिन - 'B1'*
√रासायनिक नाम: थायमिन
√कमी से रोग: बेरी-बेरी
√स्त्रोत (Source): मुंगफली, आलू, सब्जीयाँ
*√विटामिन - 'B2'*
√रासायनिक नाम: राइबोफ्लेबिन
√कमी से रोग: त्वचा फटना, आँख का रोग
√स्रोत (Source): अण्डा, दूध, हरी सब्जियाँ
*√विटामिन - 'B3'*
रासायनिक नाम: पैण्टोथेनिक अम्ल
√कमी से रोग: पैरों में जलन, बाल सफेद
√स्रोत (Source): मांस, दूध, टमाटर, मूंगफली
*√विटामिन - 'B5'*
√रासायनिक नाम: निकोटिनेमाइड (नियासिन)
√कमी से रोग: मासिक विकार (पेलाग्रा)
√स्रोत (Source): मांस, मूंगफली, आलू
*√विटामिन - 'B6'*
√रासायनिक नाम: पाइरीडाॅक्सिन
√कमी से रोग: एनीमिया, त्वचा रोग
√स्रोत (Source): दूध, मांस, सब्जी
*√विटामिन - 'H / B7'*
√रासायनिक नाम: बायोटिन
√कमी से रोग: बालों का गिरना , चर्म रोग
√स्रोत (Source): यीस्ट, गेहूँ, अण्डा
*√विटामिन - 'B12'*
√रासायनिक नाम: सायनोकोबालमिन
√कमी से रोग: एनीमिया, पाण्डू रोग
√स्रोत (Source): मांस, कजेली, दूध
*√विटामिन - 'C'*
√रासायनिक नाम: एस्कार्बिक एसिड
√कमी से रोग: स्कर्वी, मसूड़ों का फुलना
√स्रोत (Source): आँवला, नींबू, संतरा, नारंगी
*√विटामिन - 'D'*
√रासायनिक नाम: कैल्सिफेराॅल
√कमी से रोग: रिकेट्स
√स्रोत (Source): सूर्य का प्रकाश, दूध, अण्डा
*√विटामिन - 'E'*
√रासायनिक नाम: टेकोफेराॅल
√कमी से रोग: जनन शक्ति का कम होना
√स्रोत (Source): हरी सब्जी, मक्खन, दूध
*√विटामिन - 'K'*
√रासायनिक नाम: फिलोक्वीनाॅन
√कमी से रोग: रक्त का थक्का न बनना
√स्रोत (Source): टमाटर, हरी सब्जियाँ, दूध

Thursday 27 October 2016

गोत्र म्हणजे काय

*गोत्र म्हणजे काय ?:-*

धार्मिक विधी करताना बर्याच वेळा आपले गोत्र काय असा प्रश्न गुरुजी विचारतात तेंव्हा गोत्र म्हणजे काय असा प्रतिप्रश्न करणारे देखिल असातात, अशावेळेला पुर्वजां पैकी कोणी एक पुरुष असे उत्तर देउन वेळ मारुन नेणारे काही जण असतात. पण तसे नसून
गोत्र ही वेद्यीक धर्माने दिलेलि देणगी आहे
जन्मवंश शास्त्रदृष्ट्या अतंत्य सूक्ष्मस्तरीय एक मानवशाखा आहे.

*विश्वामित्र, जमदग्नि, भरद्वाज, गौतम, अत्रि, वसिष्ठ, आणि कश्यप* हे सात ऋषी आहेत. व आठवे ऋषी *अगस्त्य* हे होत. यापैकी प्रत्येक ऋषीचे आपत्य म्हणजे गोत्र होय. गोत्रांची संख्या अगणीत असली तरी धर्माने
त्यांची व्यवस्था सुलभ व्हावी म्हणून त्यांची विभागणी पन्नास गणामध्ये केलेली आहे
त्या त्या ऋषीं च्या नावांना गोत्र असे म्हणतात.

*प्रवर म्हणजे काय ?*

गोत्रांची संख्या अगणीत असली तरी धर्माने त्यांची व्यवस्था सुलभ व्हावी म्हणून त्यांची विभागणी पन्नास गणामध्ये केलेली आहे. प्रत्येक गोत्रांना प्रर्वतक ऋषी असतात
काही गोत्रांना एक, काही गोत्रांना दोन, काही गोत्रांना तिन ते पाच पर्यंत प्रवर्तक असतात. या प्रवर्तक ऋषी गणांना प्रवर असे म्हणतात.

*प्रमुख गोत्र व त्यांची प्रवर*

१ अत्रि : आत्रेय -आर्चासन -श्यावाश्व

२ अघमर्षण : वैश्वामित्र -अघमर्षण-कौशिक

३ आंगिरस : आंगिरस -आंबरीष -यौवनाश्व

४ आयास्य : आंगिरस -आयास्य -गौतम

५ आर्ष्टिषेण : भार्गव – च्यावन -आप्न्वन – आर्ष्टिषेण – अनूप

६ उपमन्यु : वासिष्ठ -इंद्रप्रमद -आभ्रद्ववसु

७ कण्व : आंगिरस -आजमीढ -कण्व

८ कपि : आंगिरस -आमहीयव -औरुक्षयस

९ काश्य्प : काश्य्प -अवत्सार -नैधृव( काश्य्प)-अव्त्सार –असित

१० कुत्स : आंगिरस -माधांत्र -कौत्स

११ कौंडिण्य : वासिष्ठ -मैत्रावरुण -कौंडिण्य

१२ कौशिक : वैश्वामित्र –अघमर्षण -कौशिक

१३ गार्ग्य : आंगिरस -शैन्य -गार्ग्य

१४ जामदग्न्य : भार्गव – च्यावन -आप्न्वन -और्व –जामदग्न्य

१५ नित्युन्द : आंगिरस – पौरुकुत्स्य -त्रासदस्यु

१६ नैध्रुव : काश्य्प -अव्त्सार – नैध्रुव

१७ पाराशर :वासिष्ठ -शाक्त्य -पाराशर

१८ बादराण : आंगिरस -पौरुकुत्स्य -त्रासदस्यु

१९ बाभ्र्व्य : वैश्वामित्र -देवरात -औदास

२० बिद : भार्गव – च्यावन -आप्न्वन-और्व – बिद

२१ भारव्दाज : आंगिरस बार्हस्पत्य -भारव्दाज

२२मित्रायु : भार्गव–च्यावन -देवोदास

२३ मुद्ग् गल : आंगिरस -भार्ग्याश्व -मौद्ग्गल्य

२४ यस्क : भार्गव वैतहव्य -सावेतस

२५ रथीतर :आंगिरस -वैरुप -रथीतर

२६ वत्स : भार्गव – च्यावन -आप्न्वन-और्व -जामदग्न्य

२७ वासिष्ठ : वासिष्ठ -इंद्रप्रमद -आभ्रद्ववसु

२८ विष्णुवृद्ध :आंगिरस -पौरुकुत्स्य -त्रासदस्यु

२९ वैश्वामित्र : वैश्वामित्र -अघमर्षण -कौशिक

३० शांडिल्य : शांडिल्य -असित -देवल

३१ शालाक्ष : वैश्वामित्र -शालंकालय -कौशिक

३२ शौनक : भार्गव -शौनहोत्र -गार्स्तमद

Tuesday 18 October 2016

Medical Bulletin Marathi

●||शरीराला आवश्यक खनिजं|●

🔺कॅल्शिअम
कशात असतं?
शेंगदाणे, तीळ, दूध, खोबरं, मुळा, कोबी. ज्वारी, राजगिरा, खरबूज, खजूर
कमतरतेमुळे काय होतं?
हृदयरोग, ऑस्टियोपोरोसिस, दंतरोग, केस गळणे
कार्य काय असतं?
शरीरातील सर्वात मुख्य खनिजं असून ते हाडांची मजबुती आणि शरीराच्या निर्मितीसाठी आवश्यक असतं.

🔺लोह
कशात असतं?
खजूर, अंजीर, मनुका, सफरचंद, डाळिंब, पालक, सीताफळ, उस, बोर, मध, पपई आणि मेथी
कमतरतेमुळे काय होतं?
शरीरात रक्ताची कमतरता भासते. अशक्तपणा, कावीळ किंवा पोटात मुरडा येतो.
कार्य काय असतं?
शरीराच्या वाढीसाठी अतिशय आवश्यक असतं.

🔺सोडिअम
कशात असतं?
मीठ, पाणी, बटाटा, आलं, लसूण, कांदा, मिरची, पालक, सफरचंद, कारलं
कमतरतेमुळे काय होतं?
रक्तदाबाशी निगडित समस्या, निद्रानाश, अंगदुखी, अपचन, मूळव्याधीसारखे आजार, मोतीबिंदू, बहिरेपणा, हात अणि पाय कडक होणे.
कार्य काय असतं?
शरीराला आवश्यक असणारी पाचक रसायनाची निर्मिती करतात, त्याचप्रमाणे शरीरात होणारा गॅस नष्ट होतो.

🔺आयोडिन
कशात असतं?
शिंघाडा, काकडी, कोबी, राजगिरा, शतावरी, मीठ आणि लसूण.
कमतरतेमुळे काय होतं?
थायरॉइडची समस्या, केस गळणे, डिप्रेशन किंवा बैचेनी येणे.
कार्य काय असतं?
शरीरात उत्पन्न होणाऱ्या विषारी पदार्थापासून मेंदूला बचावण्याचं काम करतो.

🔺पोटॅशिअम
कशात असतं?
सर्व प्रकारची धान्य, डाळ, संत्र, अननस, केळं, बटाटा, लिंबू, बदाम.
कमतरतेमुळे काय होतं?
अ‍ॅसिडिटी, त्वचेवर सुरकुत्या किंवा मुरुमं येणं, त्वचा रोग, केस पिकणे.
कार्य काय असतं?
शरीरात तंतू आणि यकृत यांना सुरळत ठेवण्याचं कार्य करतं.

🔺फॉस्फरस
कशात असतं?
दूध, पनीर, डाळी, कांदा, टोमॅटो, गाजर, जांभळं, पेरू, काजू, बदाम, बाजरी आणि चणे.
कमतरतेमुळे काय होतं?
ऑस्टिओपोरोसिस, गतिमंद होणे, मानसिक थकवा, दंत रोग.
कार्य काय असतं?
मेंदूला ताजंतवानं ठेवण्याचं काम हे खनिजं करतं.

🔺सिलिकॉन
कशात असतं?
गहू, पालक, तांदूळ, कोबी, काकडी, मध,
कमतरतेमुळे काय होतं?
कॅन्सर, त्वचारोग, बहिरेपणा, केस गळणे.
कार्य काय असतं?
जननेंद्रियांची कार्यक्षमता वाढवून शरीरातील तंतूना मजबूत करतात.

🔺मॅग्नेशिअम
कशात असतं?
बाजरी, बीट, खजूर, सोयाबीन, दूध, लीची, कारलं.
कमतरतेमुळे काय होतं?
उदास होणे, आळस येणे, तणाव असणे, झोप न लागणे, बैचेनी, सोरायसिस, फोडं, नपुंसकता किंवा वांझपणा.
कार्य काय असतं?
पेशीचं कार्य सुधारतं. रेचक म्हणून काम करतं.

🔺सल्फर
कशात असतं?
दूध, पनीर, डाळ, टोमॅटो, बटाटा, आलं, मिरची, सफरचंद, अननस, सुरण.
कमतरतेमुळे काय होतं?
प्रतीकारशक्ती कमी होते, केस गळतात, वजन वाढतं, मधुमेहाला आमंत्रण मिळतं.
कार्य काय असतं?
इन्सुलिनचं रेचन म्हणून कार्य करतं.

🔺क्लोरिन
कशात असतं?
पानी, बीट, कोबी, मीठ, दूध, लिंबू, आवळा, मध.
कमतरतेमुळे काय होतं?
अ‍ॅसिडिटी, अल्सर, कॅन्सर, आणि अ‍ॅलर्जी.
कार्य काय असतं?
सोडिअम आणि पोटॅशिअमला पाचक बनवण्यासाठी सहायता करतं, त्याचप्रमाणे शरीरातील आम्लक्षाराचं संतुलन राखलं जातं.

🔺खाद्यपदार्थामधील खनिजं शरीराला मिळावीत म्हणून काय केलं पाहिजे.🔺
» फळं किंवा भाज्या कापल्यानंतर कधीच धुवू नयेत. असं केल्याने त्यातील खनिजं पाण्यावाटे नष्ट होतात.
» डाळ, तांदूळ किंवा धान्यदेखील उकडण्यापूर्वीच स्वच्छ धुऊन घ्यावेत.
» काही धान्य, फळं तसंच भाज्यांच्या सालींमध्ये खनिजांचा मोठा प्रमाणावर साठा असतो. त्यामुळे अशा सालींचा आहारात समावेश करावा.
» दुधात खनिजांचा भरपूर स्रेत असतो म्हणूनच दूध जास्त प्रमाणात उकळू नये. दूध जास्त प्रमाणात उकळल्याने त्यातील खनिजं नष्ट होतात.
» फळं कापून खाण्याऐवजी शक्यतो आहे तशीच खावीत. उदाहरणार्थ, चिकू किंवा सफरचंद ही फळं संपूर्ण खावीत.
▫ब्लड प्रेशर  आणि  नियंत्रण▫
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ब्लडप्रेशर असलेल्या रुग्णांची संख्या दिवसेंदिवस वाढतच चालली आहे. धकाधकीच्या जीवनात फास्ट फूड आणि अनियमित दिनचर्या या कारणामुळे या आजाराचे रुग्ण भारतातही मोठ्या प्रमाणात दिसून येत आहेत. ब्लडप्रेशरमुळे हृदयाचे आजार, स्ट्रोक अशा समस्या निर्माण होण्याची दाट शक्यता असते. ब्लडप्रेशरच्या रुग्णाला दररोज औषध घ्यावे लागते. आज  तुम्हाला काही घरगुती उपायांची माहिती देत आहोत. तुम्हालाही ब्लडप्रेशरचा त्रास असेल तुम्ही हे घरुगुती उपाय अवश्य करून पाहा. या उपायांनी तुमचे ब्लडप्रेशर नियंत्रणात राहील.

▫लसूण -

ब्लडप्रेशरच्या रुग्णांसाठी लसूण अमृतासमान औषधी आहे. यामध्ये एलिसीन नावाचे तत्त्व असते, जे नायट्रिक ऑक्साइडचे प्रमाण वाढवते आणि यामुळे आपल्या मासपेशींना आराम मिळतो. ब्लडप्रेशरच्या डायलॉस्टिक आणि सिस्टॉलिक कार्यप्रणालीला आराम मिळतो. यामुळे ब्लडप्रेशरच्या रुग्णांनी दररोज लसणाची एक पाकळी अवश्य खावी.

▫शेवगा -

यामध्ये भरपूर प्रमाणात प्रोटीन आणि व्हिटॅमिन तसेच खनिज लवण आढळून येतात. एका संशोधनानुसार, या झाडाच्या पानांचा अर्क पिल्यास ब्लडप्रेशरच्या डायलॉस्टिक आणि सिस्टॉलिक कार्यप्रणालीवर सकारत्मक प्रबाव पडतो. ब्लडप्रेशरच्या रुग्णाने मसूरच्या डाळीसोबत शेवग्याचे सेवन करावे.

▫जवस -

जवसामध्ये अल्फा लिनोनेलिक अ‍ॅसिड भरपूर प्रमणात असते. हे एक प्रकारचे महत्त्वपूर्ण ओमेगा-३ फॅटी अ‍ॅसिड आहे. विविध संशोधनामध्ये समोर आले आहे, की ज्या लोकांना हायपरटेन्शनची समस्या असेल त्यांनी जेवणात जवसाचा उपयोग अवश्य करावा. यामुळे कॉलेस्टेरॉलची मात्रा कमी होते आणि याच्या सेवनाने ब्लडप्रेशर नियंत्रणात राहते.

▫विलायची -

एका संशोधनानुसार विलायचीचे नियमित सेवन केल्यास ब्लडप्रेशर व्यवस्थित राहते. याच्या सेवनाने शर
हळद   Turmeric

गुणधर्म  -----

तिखट,  कडवट,  रूक्ष,  गरम,  जंतुनाशक,  रक्तशुद्धीकारक,  वात,  पित्त,  कफ  शमन  करणारी.

उपयोग -----

१)  जखमेवर  किंवा  मुका  मार  लागणे.  हळद  लावा.
२)  रक्ती  मुळव्याध  -  बकरीचे  दूध  +  हळद  घ्या.
३)  सर्दी,  कफ,  खोकला -  गरम  दूध  +  तूप  +  हळद  घ्या.
४)  जास्त  लघवी  -  पांढरे  तीळ  +  गुळ  +  हळद  घ्या.
५)  आवाज़  बसणे  -  हळद  +  गुळ  गोळ्या  करून  खा.
६)  काविळ  -  ताक  +  हळद.
७)  ताप  -  गरम  दूध  +  हळद  +  काळीमिरी  पुड.
८)  लघवितून  पू  जाणे  -  आवळा  रस  +  हळद  +  मध.
९)  मुतखडा  ( स्टोन )  -   ताक  +  हळद  +  जूना  गुळ.

      #    आरोग्य   संदेश    #
    
हळदच  आहे  जंतुनाशक, रक्तशुद्धीकारक,
नक्कीच   आजारांना    आहे   ती   मारक.
[योगशिक्षक श्री.मंगेश भोसले सर]
तोंड  येणे
 
तोंडाचे  विकार
 
कारणे -----

जागरण  करणे,  जास्त  तिखट  खाणे,  पोट  साफ  नसणे,  पित्त  होणे,  अपचन  होणे,  उष्णता  वाढणे,  रोगप्रतिकारक  शक्ति  कमी  होणे. व्यसन  करणे.

उपाय -----

१)  जेवणात  गाईचे  तूप  व  ताक  घ्या.
२)  गुलकंद  खा.
३)  ज्येष्ठमधाची  कांडी  चघळावी.
४)  दुधाची  साय  आणि  शंखजीरे  मिक्स  करून  तोंडातून  लावा.
५)  हलका  आहार  घ्या.
६)  वरील  कारणे  कमी  करा. त्रिफळा  चूर्ण  घेऊन  पोट  साफ  ठेवा.
७)  दही  उष्ण  असल्याने  जास्त  खाऊ  नका.
८)  जाईची  पाने  किंवा  तोंडलीची  पाने  किंवा  पेरूची  पाने  किंवा  उंबराची  कोवळी  कांडी  चावून  थुंका.
९)  नियमित  प्राणायाम  करा.
१०)  आवळा  पदार्थ  खा.
११)  एकाचवेळी  सर्व  उपाय  करू  नका.

जीभेची  साले  निघत  असल्यास

उपाय -----

१)  पुदिन्याची  पाने  आणि  खडीसाखर  मिक्स  करून  चावून  थुंकत  रहा.
२)  एक  केळ  गाईच्या  दूधाबरोबर  खावे.
३)  त्रिफळाच्या  काड्याने  गुळण्या  करा. जंतुसंसर्ग  कमी  होतो.

     #     आरोग्य  संदेश     #

व्यायामानेच  पचनशक्ती  वाढवा,
तोंडाचे    सर्व   विकार    घालवा.
[योगशिक्षक श्री.मंगेश भोसले सर]
मुळव्याध     Pails

उपाय -------

१)  नारळाची  शेंडी  जाळून  राख  बनवा.
२)  ती  राख  २/३  ग्रँम  ताकातून  घ्या.
३)  रिकाम्या  पोटीच  घ्या.
४)  सकाळ  व  संध्याकाळ  घ्या.
५)  मुळा /  सुरण  भाजी  खा.
६)  अक्रोड  खाऊन  वर  दूध  प्या.
७)  जेवणात  कच्चा  कांदा  खा.
८)  श्वास  रोखू  बटरफ्लाय  व्यायाम  करा.
९)  हलका  आहार  घ्या.  गाईचे  तुप  खा.
१०)  पोट  साफ  ठेवा.
११)  नियमित  प्राणायाम  करा.
१२)  चोथायुक्त  पदार्थ  खा.
१३)  शाकाहारी  राहण्याचा  प्रयत्न  करा.
१४)  एकाचवेळी  सर्व  उपाय  करू  नका.

#     आरोग्य   संदेश      #

पोट  राहूद्या  नियमित  साफ,
मुळव्याधीचा   चूकेल   व्याप.

काळ्या द्राक्षांचे 10 फायदे, वाचाल तर रोज खाल

1 डायबिटीस, ब्लड प्रेशरवर नियंत्रण

काळी द्राक्ष नियमित खाल्यामुळे डायबिटीस आणि ब्लड प्रेशर नियंत्रणात राहतं. काळ्या द्राक्षांमध्ये रेसवटॉल नावाचा पदार्थ असतो, ज्यामुळे रक्तात इन्सुलिन वाढतं. ही द्राक्ष खाल्यामुळे शरिरातलं रक्त वाढायलाही मदत होते, त्यामुळे ब्लड प्रेशरचा त्रास होत नाही.

2 एकाग्रता वाढायला मदत

काळी द्राक्ष खाल्यामुळे एकाग्रता आणि स्मरणशक्ती वाढायला मदत होते. तसंच मायग्रेनसारखा आजारही या द्राक्षांमुळे बरा होतो.

3 हार्ट ऍटेकचा धोका कमी

काळ्या द्राक्षांमध्ये सायटोकेमिकल्स असतात जे हृदयाला स्वस्थ ठेवतात. तसंच या द्राक्षांमुळे कोलेस्ट्रॉलही नियंत्रणात राहतं, ज्यामुळे हार्ट ऍटेकचा धोका कमी होतो.

4 वजन होतं कमी

नियमित काळी द्राक्ष खालली तर वजन कमी होऊ शकतं. यामध्ये असणारा एँटीऑक्साईड शरिरात जास्तीचं असलेलं टॉक्सिन्स बाहेर काढायला मदत करतो. ज्यामुळे वजन कमी होतं.

5 अस्थमा होतो बरा

काळी द्राक्ष शरिरात असलेल्या बॅक्टेरिया आणि फंगसला मारायचं काम करतात, जी इंफेक्शन तयार करतात. पोलिओविरुद्ध लढण्यासाठीही द्राक्ष हा चांगला उपाय आहे. काळ्या द्राक्षांमुळे अस्थमा बरा व्हायला मदत होते.

6 कॅन्सरला रोखा

काळी द्राक्ष खाल्यामुळे ब्रेस्ट, लंग, प्रोस्टेट आणि आतड्यांच्या कॅन्सरच्या धोक्यापासून वाचता येऊ शकतं.

7 अपचन होत नाही

काळ्या द्राक्षांमध्ये शुगर, ऑरगॅनिक ऍसिड आणि पॉलीओस जास्त प्रमाणात असल्यामुळे अपचन आणि पोटाची जळजळ होत नाही.

8 डोळ्यांसाठी गुणकारी

दृष्टी सुधारण्यासाठीही काळी द्राक्ष गुणकारी आहेत.

9 सुरकुत्या होतात कमी

काळ्या द्राक्षांमुळे डोळ्यांखाली होणारा काळा भाग कमी करतो. तसंच त्वचेवर पडणाऱ्या सुरकुत्याही यामुळे कमी होतात.

10 केस गळती थांबवायला मदत

काळ्या द्राक्षांमध्ये असलेल्या विटॅमिन इ मुळे केस गळणं, केस पांढरे होणं यासारख्या समस्या दूर होतात. द्राक्ष खाल्यानं केसांच्या मुळापर्यंत रक्त पोहोचायला मदत होते, त्यामुळे केस मुलायम आणि मजबूत होतात.
शरीरावरील  काळे  डाग 

उपाय -----

१)  नियमित  प्राणायाम  करा.
२)  पचनशक्ती  स्ट्राँग  ठेवा.
३)  पोट  साफ  राहूद्या.
४)  पालेभाज्या  व  फळभाज्या  खा.
५)  सकाळी  ऊठल्यावर  तोंडातील  लाळ  सर्व  डागांवर  चोळून  लावा.  तोंड  धुण्यापूर्वीची  लाळ  पाहिजे.  हा  जबरदस्त  उपाय  आहे.
६)  कोरफड  पानातील  गर  लावा.
७)  आवळा  रस /  पदार्थ  घ्या.
८)  डागांवर  कच्च्या  पपईचा  रस  लावा.
९)  कडुलिंबाची  पाने  आंघोळीच्या  पाण्यात  टाकून  पाणी  उकळवून  घ्या.  नंतर  त्याच  पाण्याने  आंघोळ  करा.  मात्र  साबण  वापरू  नका.

     #     आरोग्य   संदेश     #

करा  योग,  पळतील  रोग. संपतील  भोग.
🍲 आहार तज्ञ - ऋजुता दिवेकर यांच्या मते  आहाराविषयीच्या संकल्पना.

🍲 नियोजनबद्ध आहार कोणता?

आपला भारतीय संस्कृतीतील आहार योग्य आहे. भाजी, पोळी, भात, आमटी, पोहे, उपमा हे पदार्थ अतिशय पौष्टिक आहेत. आपण आपला आहार सोडून अन्य पदार्थांचे पर्याय शोधतो. म्हणून खाद्यसंस्कृती बदलते आहे. आपले वेगळेपण आपणच जपले पाहिजे. आपल्या चौरस आहाराची किंमत आपल्यालाच समजत नाही, याची खंत आहे.

🏃वाढलेली चरबी कशी कमी करावी?

आपल्या खाण्या-पिण्याला शिस्त असेल, तर चरबी वाढणार नाही. वाढली तरी कमी होण्यासही मदत होईल. सलग ३० मिनिटे एका जागेवर बसू नका. आपण शरीराचा पुरेसा वापर करीत नाही म्हणून चरबी वाढते. दरवर्षी अर्ध्या किंवा एक किलोने वजन वाढते. वजन वाढते, याचा अर्थ आपण आळशी होत आहोत, हे समजून घ्या. म्हणून गरज आहे ती `मूव्ह मोअर अँड सिट लेस` या मंत्राची.

🍇कोणती फळे खावीत?

आंबा, केळे, सीताफळ, चिकू आणि द्राक्ष ही फळे प्रत्येक भारतीयाच्या आहारात आवर्जून आलीच पाहिजेत. आरोग्यासाठी केळे हे सर्वोत्तम असल्याचा दुजोरा आता जगभरातून मिळत आहे. बाळाच्या आहारातही आईच्या दुधानंतर फळांमध्ये केळ्याचाच समावेश होतो.

◆ मधुमेहासाठी आहार कसा असावा?

खरं तर मधुमेहींनी जे पदार्थ खाल्ले पाहिजेत, तेच पदार्थ डॉक्टर टाळण्यास सांगतात. मात्र, भात, केळं आणि तुपाचा समावेश आहारात अवश्य असावा. दोन जेवणांमध्ये फार अंतर ठेऊ नये, व्यायाम भरपूर करावा आणि अगदी झोपेपर्यंत टीव्ही पाहणे टाळावे.

◆ शुगर-फ्रीचा वापर करावा का?

शुगर फ्री आहारातून वर्ज्यच करा. आहारात जेवढी साखर आवश्यक असते, तेवढी खावी. लाडू, हलवा यासारख्या घरी बनणाऱ्या गोड पदार्थांत वापरली जाणारी साखर आरोग्यासाठी चांगली असते. ऊस आणि गूळ यांना एकमेकांशी रिप्लेस करू नये. आवश्यकतेनुसार पदार्थात साखर किंवा गुळाचा वापर करावा. शरीरातील उष्णता वाढवायला गुळाची मदत होते.

◆ वाढतं वजन आणि ताण यांचा संबंध कसा आहे?

वाढत्या ताणामुळे वजन वाढतं. फर्गेट, फर्गिव्ह आणि फॉर्वर्ड या सूत्रानुसार जीवन जगायला सुरवात केल्यास आयुष्यातील तणाव कमी होतील.

● कडधान्य कशी खावीत..

आपण उसळ करताना कडधान्य शिजवून घेतो. त्यामुळे मोड आलेली कडधान्ये कच्ची कशासाठी खायची? ती उकडून, उसळ करून खाणेच योग्य.

● जेवणात कोणते तेल आणि किती वापरावे?

शेंगदाण्याचे घाण्यावरून करून आणलेले तेल स्वयंपाकासाठी सर्वोत्तम आहे. शंभर ग्रॅम शेंगदाण्याचे २५ ते ३० टक्के तेल निघते. बाकी चोथा वाया जातो. तेल बनविण्याची पारंपरिक पद्धत अतिशय शुद्ध आहे. आहारात तेल बदलण्याची गरज नसते. पिशव्या किंवा डब्यांमध्ये मिळणारे आणि हृदयाच्या आकाराचे चित्र डब्यांवर दिसणारे तेल आरोग्याला योग्य नाही. तेल जेवढे वापरावेसे वाटते, तेवढे वापरावे. लोणचे, तळलेला पापड, भजी हे पदार्थ आहारात आलेच पाहिजेत. जास्त तेल पोटात जाईल, म्हणून ते खाणे टाळू नये.

🚫आहारातून ड जीवनसत्त्व कमी झाल्यास काय होते?

शरीरात हवे असलेले फॅट मिळत नाहीत, म्हणून ड जीवनसत्व कमी होते. वेळेवर त्यावर उपाय न केल्यास हाडे दुखतात, केस गळतात, त्वचेवर डाग पडतात. मधुमेह किंवा कॅन्सर होण्यापर्यंत ही पातळी जाऊ शकते.

आजकाल बिझी रुटीनमुळे व्यायाम करणे अनेकांना शक्य होत नाही. व्यायामाला दुसरा काही पर्याय आहे का?

आजच्या युगात आपण नवीन गाडी घेतली, तरीसुद्धा ती नियमितपणे चालवतो. बाहेरगावी गेलो, तरी शेजारी किंवा नातेवाईकांना गाडी सुरू ठेवायला सांगतो. व्यायामाचेसुद्धा तसेच आहे. व्यायामाला कोणताही पर्याय नाही, तो नियमितपणे केलाच पाहिजे. अंग दुखतं, म्हणून व्यायाम करत नाही, अशी सबब अनेक जण देतात. पण खरे तर व्यायाम करत नाही, म्हणून अंग दुखतं. व्यायाम करण्यासाठी आठवड्यात फक्त १५० मिनिटे लागतात. आठवड्याच्या व्यायामाचे नीट प्लानिंग करून ते वेळापत्रक पाळले जायला हवे. व्यायाम अनेकदा उद्यावर ढकलला जातो, त्याचं योग्य नियोजन होत नाही, त्याचं गांभीर्य लोकांच्या लक्षात येत नाही.

✌दोन- दोन तासाने खा, असे सांगितले जाते. हे योग्य की अयोग्य?

सकाळी उठल्या उठल्या आपण चहाने सुरुवात केली, तर दिवसभराची भूक मरते आणि दिवसभराचे रुटीन बिघडते. दोन- दोन तासाने खावे. सकाळी उठून एखादं केळ खाल्लं की, आपण नंतर नीट नाश्ता करू शकतो. सकाळी नाश्त्याला डोसा, घावन, थालीपीठ असं खावं. त्यानंतर जेवणाआधी पन्हं, कोकम सरबत यासारखं पेय घेऊन त्यानंतर आपण नियमित जेवण घेऊ शकतो. जेवताना शक्यतो पाणि पिऊ नये,जेवणाच्या अर्धा तास आधी एक ग्लास पाणि प्यावे व जेवणानंतर एक तासाने पाणि प्यावे.त्यानंतर मध्ये एखाद- दुसरं फळ, संध्याकाळी चार ते सहाच्या मध्ये पुन्हा सकाळच्या नाश्त्याप्रमाणे आहार घेतला की, आपल्याला रात्री फार भूक लागत नाही. मग रात्री पेज किंवा भात खावा, म्हणजे आपल्याला शांत झोप लागू शकते.

🍚घरी केलेले चिवडा, लाडू खाण्याची योग्य वेळ कोणती?

चिवडा आणि लाडू आपण कधीही खाण्यासाठीच तयार करून ठेवतो. चिवड्यासारखी व्हर्सेटाइल गोष्ट कोणतीच नाही. चिवडा कशातही मिक्स करून खाऊ शकतो, त्यामुळे चिवडा कोणत्याही वेळी खाता येईल. लाडूसुद्धा संध्याकाळी ५-६च्या आसपास किंवा सकाळी नाश्त्यालासुद्धा लाडू चांगला.

👨👩वाढत्या वयाबरोबर कसा व्यायाम करावा ?

वयानुसार आपलं शरीर बदलतं, पण ते बिघडू देऊ नये. आपलं रुटीन नियमित फॉलो केलं पाहिजे. आठवड्याला १५० मिनिटे व्यायाम केला, तर ते कोणत्याही वयाला चालतं. वय वाढलं म्हणून व्यायाम कमी करण्याची गरज नाही.

💧सकाळी उठून गरम पाणी प्यायल्याने चरबी कमी होते, असा समज आहे. यात किती तथ्य आहे?

सकाळी उठल्यावर आवड म्हणून गरम पाणी पिण्यास काहीच हरकत नाही. पण त्यामुळे चरबी अजिबात कमी होत नाही. सकाळी उठल्यावर साधं, माठाचं किंवा गरम कोणतेही पाणी आपण पिऊ शकतो.

🍲साखरेऐवजी गूळ वापरल्याने फायदा होतो का ?

प्रत्येक गोष्टीचा एक विशिष्ट गुणधर्म असतो. त्यामुळे ज्या गोष्टीत साखर वापरण्याची गरज आहे, त्यात साखर वापरली पाहिजे आणि ज्या गोष्टीत गूळ वापरण्याची गरज आहे, त्यात गूळच वापरला पाहिजे. अन्यथा पदार्थाची चव बिघडते. साखर ही चांगलीच आहे. उगाच साखरेच नाव वाईट आहे. साखरेने उष्णता कमी होते, तर गुळाने उष्णता वाढते. त्यामुळे आपण पदार्थानुसार साखर किंवा गूळ वापरावा,

🙆केस, त्वचेसाठी काय सल्ला.

केस गळण्यापासून वाचण्यासाठी तसेच तजेलदार त्वचेसाठी आहारात भात, नारळ, तूप यांचा समावेश हवा. आहारामध्ये हळदीचा समावेश असण्याची गरज आहे. हळद केसांच्या वाढीसाठी फायदेशीर आहे.

🌞आपला दिवस कसा असतो?
मी ज्या शहरात असेन, त्यानुसार दिवस प्लॅन करते. ऋतूमानानुसार आणि स्थानिक पदार्थांना आहारात प्राधान्य देतेत. रोज सकाळी पोहे खाते. सध्या उन्हाळ्यामुळे कोकम आणि पन्हं घेते. जे आवडतं, तेच पदार्थ खाते. जे पदार्थ शरीराला लागतात, ते आवर्जून खाते. कारण, आपण जे खातो, तेच आपल्या चेहऱ्यावर दिसते.

✌दर दोन तासांनी खा

🍌फळ किंवा सुका मेव्याने दिवसाची सुरुवात करा

🍲नाश्त्याला पोहे, उपमा, शिरा खा

🍷जेवणापर्यंतच्या वेळेत सरबत घ्या

🍎जेवणानंतर एखादे फळ खा

🍲संध्याकाळी गूळ, तूप, पोळी किंवा फोडणीचा भात

😇 रात्री ८.३० च्या दरम्यान हलका आहार घ्या

हलका आहार घेतल्याने झोप चांगली लागते आणि दुसऱ्या दिवशी व्यायाम करण्यास उत्साह राहतो.

🍲 आहार तज्ञ - ऋजुता दिवेकर
आहारातून  उपचार

पुढील  आजार  झाल्यास  त्यांच्या  खाली  दिलेले  अन्नपदार्थ  खा.  आजार  लवकर  बरे  होतील.

१)  आम्लपित्त - 
काळी  मनुका,  आलं,  थंड  दुध,  आवळा, जिरे  खा.

२)  मलावरोध  -
पेरु,  पपई,  चोथा /  फायबरयुक्त  असलेले  अन्न,  दुध + पाणी,  कोमटपाणी ,  त्रिफळा  चूर्ण  घ्या.  पोटाचे  व्यायाम  करा,  टाँयलेटला  बसल्यावर  हनुवटी  प्रेस  करा.  लवकर  पोट  साफ  होते.

३)  हार्टअटैक / ब्लॉकेज -
लसूण,  कांदा,  आलं  खा.  रक्ताच्या  गाठी  होत  नाहीत.  रक्ताभिसरण  उत्तम  होते.

४)  डिसेन्टरी / जुलाब -
कापूर  +  गुळ  एकत्र  करून  खा.  त्यावर  पाणी  प्या.  लगेच  गुण  येतो.

५)  खोकला -
२ / ३   काळीमिरी  चोखा.  दिवसातून  तीन  वेळा.  खोकला  थांबतो.

६)  मुळव्याध -
नारळाची  शेंडी  जाळून  राख  ताकातून  दिवसातून  २ / ३  वेळा  घ्या.  चांगला  गुण  येतो.  रामदेव  बाबांचा  उपाय  आहे.

७)  दारूचे  व्यसन -
वारंवार  गरम  पाणी  प्या.  तसेच  दारू  पिण्याची  आठवण  येईल  त्यावेळी  जरूर  गरमच  पाणी  प्या.  २ / ३  महीन्यात  दारू  सुटेल.

८)  डोळे  येणे -
डोळ्यांना  गाईचे  तुप  लावा.  आराम  पडेल.  कापूर  जवळ  ठेवा.  संसर्ग  वाढणार  नाही.

९)  स्टोन -
पानफुटीची  पाने  खा.  कुळीथ  भाजी  खा.  भरपूर  पाणी  प्या. 

१०)  तारूण्यासाठी -
भाज्यांचा  रस,  आरोग्य  पेय,  फळे  खा. गव्हांकुराचा  रस,  Green  Tea  ,प्या.

    📢     आरोग्य  संदेश    🔔

संतुलित  आहारात  उपचार  आहेत  खरे,
सर्वच    आजार   नक्कीच   होतील बरे.
 

आर्टीकल जरा मोठे आहे पण जीवनावश्यक आहे

●|| वास्तु सुख ||
अनेकदा आपण जेव्हा डॉक्टरकडे जातो तेव्हा डॉक्टर आपल्याला जीभ दाखवायला सांगतात. कधी तुम्ही हा विचार केला आहे का की तुमची जीभ पाहुण डॉक्टरला आजाराचं निदान कसं होत असेल. पण आम्ही तुम्हाला आज ही गोष्ट सांगणार आहोत की का डॉक्टर जीभ बघतो.
जीभचा रंग हा तुमच्या शरिराच्या स्थितीचा अंदाज सांगतो. पाहा काय आहे जीभेच्या रंगामागचं खरं कारण. काय सांगते तुमची जीभ.
१. गुलाबी रंग - गुलाबी रंगाची जीभेवर जर कोणत्याही प्रकारचे डाग नसतील तर तुम्ही पूर्णपणे व्यवस्थित आहात.
२. तुमच्या जीभेवर जर सफेद रंगाचा थर असेल तर तुमच्या पचन क्रिया व्यवस्थित नाही. तुमच्यात अशक्तपणा आहे. काही वेळेस हे वायरल इंफेक्शनचा ही प्रकार असू शकतो.
३. पिवळा रंग - पिवळा रंग सांगतो की तुम्हाला सर्दी, वायरल इंफेक्शन किंवा तुमच्या शरिरात हिट वाढली आहे. काही वेळेस हा पचन न होण्याच्या समस्येचंही संकेत देतो.
४. लाल रंग - लाल रंगाची जीभ ताप, रक्तात उष्णता वाढणे किंवा अंतर्गत जखम आणि इंफेक्शनचं संकेत देते.
५. कोरडी जीभ - जीभ कोरडी पडणे आणि पिवळी पडणे म्हणजे काविळ, अशक्तपणा, कमी झोप, आतड्यांना सूज थकवा याचे संकेत देते.
६. निळा रंग - शरिरात विटामिन बी-2 ची कमतरता आणि महिलांना दुखणे याचा संकेत देते. कोणत्याही औषधाच्या साईड इफेक्टमुळे देखील जीभ निळी पडते.
७. जीभेचा सर्वात पुढचा भाग लाल होणं हा मानसिक समस्येचं संकेत देतो.
८. जीभेछ्च्यावर अनेकदा सफेद डाग तयार होतात हे इंफेक्शन आणि अधिक घाम येण्याचे संकेत असतात.
*MEDICAL FITNESS*
((( PREVENTION IS BETTER THAN CURE )))

MEDICAL FITNESS:-
----------------------

       *CHOLESTEROL*
           ------------------
Cholesterol ---   <  200
HDL  ---  40  ---  60
LDL  ---    <  100
VLDL --     <  30
Triglycerides --   <  150
----------------------------

         *CHOLESTEROL*
         ----------------
Borderline --200 -- 239
High ----    >  240
V.High --    >  250
----------------------------

            *LDL*
           ------
Borderline --130 ---159
High ---  160  ---  189
V.High --  > 190
----------------------------

           *TRIGLYCERIDES*
           -----------------
Borderline - 150 -- 199
High --   200  ---  499
V.High --     >   500
----------------------------

       
        *PLATELETS COUNT*
       ----------------------
1.50  Lac  ----  4.50 Lac
----------------------------

              *BLOOD*
             -----------
Vitamin-D --  50   ----  80
Uric Acid --  3.50  ---  7.20
----------------------------

            *KIDNEY*
           ----------
Urea  ---   17   ---   43
Calcium --  8.80  --  10.60
Sodium --  136  ---  146
Protein  --   6.40  ---  8.30
----------------------------

           *HIGH BP*
          ----------
120/80 --  Normal
130/85 --Normal  (Control)
140/90 --  High
150/95 --  V.High
----------------------------

         *LOW BP*
        ---------
120/80 --  Normal
110/75 --  Normal  (Control)
100/70 --  Low
90//65 --   V.Low
----------------------------

              *SUGAR*
             ---------
Glucose (F) --  70  ---  100
(12 hrs Fasting)
Glucose (PP) --  70  --- 140
(2 hrs after eating)
Glucose (R) --  70  ---  140
(After 2 hrs)
----------------------------
    
             *HAEMOGLOBIN*
            -------------------
Male --  13  ---  17
Female --  11 ---  15
RBC Count  -- 4.50 -- 5.50
                           (million)
----------------------------

           *PULSE*
          --------
72  per minute (standard)
60 --- 80 p.m. (Normal)
40 -- 180  p.m.(abnormal)
----------------------------

          *TEMPERATURE*
          -----------------
98.4 F    (Normal)
99.0 F Above  (Fever)

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*Heart Attacks And Drinking Warm Water:*

This is a very good article. Not only about the warm water after your meal, but about Heart Attack's . The Chinese and Japanese drink hot tea with their meals, not cold water, maybe it is time we adopt their drinking habit while eating. For those who like to drink cold water, this article is applicable to you. It is very Harmful to have Cold Drink/Water during a meal. Because, the cold water will solidify the oily stuff that you have just consumed. It will slow down the digestion. Once this 'sludge' reacts with the acid, it will break down and be absorbed by the intestine faster than the solid food. It will line the intestine. Very soon, this will turn into fats and lead to cancer . It is best to drink hot soup or warm water after a meal.

*French fries and Burgers*
are the biggest enemy of heart health. A coke after that gives more power to this demon. Avoid them for
your Heart's & Health.

Drink one glass of warm water just when you are about to go to bed to avoid clotting of the blood at night to avoid heart attacks or strokes.

So, pls share this article wid people u care for... 😘